रामधारी सिंह दिनकर जीवन परिचय – Ramdhari Singh Dinkar Jeevan Parichay (Biography Of Ramdhari Singh)

रामधारी सिंह दिनकर जीवन परिचय - Ramdhari Singh Dinkar Jeevan Parichay (Biography Of Ramdhari Singh)

Hello दोस्तों आज हम Ramdhari Singh Dinkar Jeevan Parichay और इनके रचनाओं को देखेंगे | (Jivan Prichay of Ramdhari Singh Dinkar)
Ramdhari Singh Dinkar Jeevan Parichay
नाम रामधारी सिंह दिनकर
जन्म
सितम्बर सन् 1908
जन्म स्थान
सिमरिया (मुंगेर), बिहार
पिता का नाम
श्री रवि सिंह
शिक्षा
बी. ए.
मृत्यु
24 अप्रैल, सन् 1974
प्रमुख रचनाएँ
रेणुका, रसवन्ती, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, कुरुक्षेत्र, उर्वशी, अर्द्धनारीश्वर, संस्कृति के चार अध्याय, मिट्टी की ओर, बापू, हुंकार आदि।

जीवन परिचय-

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म सितम्बर 1908 ई. को बिहार राज्य के मुंगेर जिले के सिमरिया ग्राम में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। बी.ए. की परीक्षा पास करने के बाद इन्होंने कुछ दिनों के लिए, उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक का कार्य संभाला। उसके बाद ये सरकारी नौकरी में चले आये। सन् 1952 ई. में से भारतीय संसद के सदस्य मनोनीत हुए।
कुछ समय में भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। उसके पश्चात् भारत सरकार के गृह विभाग में हिन्दी सलाहकार के रूप में एक लम्बे अर्से तक हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत रहे। इन्हें इनकी रचना ‘उर्वशी’ के लिए सन् 1972 ई. में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। सन् 1959 ई. में भारत सरकार ने इन्हें ‘पद्मभूषण से सम्मानित किया। प्रतिनिधि लेखक व कवि के रूप में इन्होंने अनेक प्रतिनिधि मण्डलों में रहकर विदेश यात्राएँ की। ‘दिनकरजी’ की असामयिक मृत्यु 24 अप्रैल, 1974 ई. को हुई।
रचनाएँ- रेणुका, रसवन्ती, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, कुरुक्षेत्र, उर्वशी, अर्द्धनारीश्वर, संस्कृति के चार अध्याय, मिट्टी की ओर, बापू, हुंकार आदि।

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